जानिए, असामान्य पोस्चर क्या है? कारण और उपचार- What is Abnormal Posturing in Hindi

जब कभी शरीर में किसी तरह की असामान्यता दिखाई देती है, तो हम उसे आम लक्षण समझ के अनदेखा कर देते हैं। समय के साथ ये लक्षण गंभीर हो सकते हैं, जो आपके लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है। ऐसे ही आम दिखने वाले लक्षण में से एक पोस्चर का असामान्य (Abnormal Posturing in Hindi) होना है। पोस्चर का असामान्य होना सुनने पर आपको लग रहा होगा कि यह शरीर की झुकी हुई स्थिति है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। ऐसे में आपके सभी सवालों का जवाब इस लेख में मिल जाएगा। यहां हम विभिन्न प्रकार के असामान्य पोस्चर को कवर कर रहे हैं। साथ ही असामान्य पोस्चर के कारण, निदान और उपचार भी बता रहे हैं।

पोस्चर असामान्य होना क्या है- What is Abnormal Posturing in Hindi

Abnormal Posturing in Hindi

असामान्य पोस्चर (Abnormal Posturing in Hindi) में शरीर एक विशेष स्थिति में रहता है या शरीर के एक या कई भाग असामान्य तरीके से हिलता है। ऐसा खासकर रीढ़ की हड्डी या मस्तिष्क में गंभीर चोट लगने के कारण होता है। जब एक मांसपेशी सिकुड़ती है, तो जॉइंट के दूसरी तरफ की मांसपेशियां भी सामान्य रूप से संकुचन (contraction) के लिए प्रतिरोध (resistance) करती हैं।

लेकिन असामान्य पोस्चर में मांसपेशियां संकुचन के दौरान दूसरे मांसपेशियों से प्रतिरोध नहीं कर पाती हैं। इससे सिर, पीठ या पैर वाले भाग असामान्य रूप से प्रभावित हो जाते हैं। असामान्य पोस्चर की स्थिति में एक व्यक्ति में मुड़े हुए हाथों, बंधी हुई मुट्ठियों और पैरों को सीधा रखते हुए अकड़ जाना, आदि दिखाई दे सकता है। कुछ लोगों के बाहें शरीर की ओर झुकी हुई और कलाई व उंगलियां मुड़ी हुई और छाती पर टिकी हुई हो सकती है।

असामान्य पोस्चर के प्रकार- Types of Abnormal Posturing in Hindi

पोस्चर के असामान्यता (Abnormal Posturing in Hindi) मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं। ये प्रकार व्यक्ति की स्थिति के अनुसार निर्धारित होते हैं। 

  1. ओपीस्थोटोनोस पोस्चर (Opisthotonus Posture)

ओपीस्थोटोनोस मांसपेशियों के ऐंठन का एक गंभीर रूप है, जो गर्दन, धड़ (trunk) और कमर के निचले भाग के एक्सटेंसर मांसपेशियों के स्पास्टिक संकुचन के कारण होता है। इस स्थिति में गर्दन से लेकर एड़ी तक एक धनुर का आकार बन जाता है। ज्यादातर मामलों में धड़ जमीन से कुछ इंच ऊपर उठा होता है।

  1. डीकॉर्टकेट पोस्चर (Decorticate Posture)

डीकॉर्टकेट पोस्चर एक तरह का पोज है जिसमें आपका शरीर ब्रेन डैमेज या डिस्टर्पशन के कारण एक रूप धारण कर लेती है। यह मस्तिष्क की इंजरी और कई अलग-अलग मेडिकल कंडीशन का एक लक्षण हो सकता है। असामान्य पोस्चर के इस प्रकार में शरीर का अकड़ना, पैर का सीधा रहना और बंधी हुई मुट्ठी होती हैं।

यह आपके पूरे शरीर के कुछ मांसपेशियों के समूहों को तनावग्रस्त कर देता है। यह आपके शरीर के एक तरफ या दोनों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, जब यह दोनों पक्षों को प्रभावित करता है, तो यह हमेशा कंसिस्टेंट नहीं होता है। यह शरीर के दोनों तरफ को असमान रूप से प्रभावित कर सकता है।

  1. डिसेरेब्रेट पोस्चर (Decerebrate Posture)

इस असामान्य पोस्चर (Abnormal Posturing in Hindi) के प्रकार को रिजिड लिंब, पैरों के अंगूठे का नुकीला दिखाई देना और सिर व गर्दन का पीछे की ओर झुके होने के रूप में परिभाषित किया जाता है। असामान्य पोस्चर यह प्रकार भी बाकी अन्य प्रकार की तरह ही ब्रेन डैमेज होने के कारण होता है। 

असामान्य पोस्चर का कारण- Causes of Abnormal Posturing in Hindi

असामान्य पोस्चर (Abnormal Posturing in Hindi) अक्सर मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी के डैमेज होने के कारण होता है। आपके द्वारा अनुभव किए जाने वाले असामान्य पोस्चर मस्तिष्क के विशेष भाग या रीढ़ की हड्डी के प्रभावित होने पर निर्भर करता है।

मस्तिष्क को निम्नलिखित कारणों से नुकसान पहुंच सकता है। 

  • स्कल (skull) में तरल पदार्थ का निर्माण होना।
  • मस्तिष्क में सूजन होना। 
  • सिर पर सीधा चोट लगना।
  • रक्त का थक्का (blood clot) बनना या स्ट्रोक।
  • ब्रेन ट्यूमर होना। 
  • मलेरिया के कारण मस्तिष्क का रक्तचाप बढ़ना
  • मेनिनजाइटिस (meningitis), जो एक वायरस या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होने वाली सूजन की स्थिति है।
  • रेये सिंड्रोम (Reye’s syndrome), एक गंभीर स्थिति है जिसमें लिवर और मस्तिष्क में अचानक सूजन आ जाती है। यह खासकर बच्चों में होता है। 

असामान्य पोस्चर का निदान- Diagnosis of Abnormal Posturing in Hindi

Abnormal Posturing in Hindi

असामान्य पोस्चर का निदान (Diagnosis of Abnormal Posturing in Hindi) करने के लिए कई तरह के टेस्ट किए जा सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर आपके मेडिकल हिस्ट्री को चेक करने के बाद पूरे शारीरिक की जांच (physical examination) करता है। असामान्य पोस्चर के सटीक कारण का पता लगाने में समय लग सकता है और इसके लिए कई टेस्ट करने पड़ सकते हैं। असामान्य पोस्चर के लिए ये कुछ सामान्य टेस्ट हैं:

  • इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम

इस टेस्ट को डॉक्टर मस्तिष्क में हो रहे इलेक्ट्रिक गतिविधियों को मापने और उन गतिविधियों से जुड़ी समस्याओं को पहचानने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के लिए लगभग 60 मिनट तक का समय लगता है। इस टेस्ट के लिए सबसे पहले डॉक्टर आपके सिर पर पेन या पेंसिल से निशान बनाते हैं। फिर उस निशान वाली जगह पर टेस्ट के लिए इलेक्ट्रोड्स (एक तरह के मेटल डिस्क) को चिपकाया जाता है। इलेक्ट्रोड्स को सिर पर चिपकाने के लिए डॉक्टर एक खास तरह के ग्लू का इस्तेमाल करता है। यह डिस्क तार के माध्यम से कंप्यूटर के मॉनिटर से जुड़े होते हैं। 

जब इलेक्ट्रोड सिर पर अच्छी तरह चिपक जाता है, तब आपको डॉक्टर सोने के लिए कहते हैं। कुछ मामलों में डॉक्टर टेस्ट के बीच में आंखें खोलने और बंद करने के लिए भी कहते हैं। इससे मस्तिष्क की तरंगों को सही तरीके से मापने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं डॉक्टर बुक के पैराग्राफ को पढ़ने, चित्र को देखने और लंबी व गहरी  सांस लेने के लिए भी कह सकते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम में आपके मस्तिष्क की तरंगों का वीडियो रिकॉर्ड होता है। इन तरंगों के माध्यम से डॉक्टर मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं का पता लगाते हैं।

  • सेरेब्रल एंजियोग्राफी

सेरेब्रल एंजियोग्राफी को डिजिटल सबट्रेक्शन एंजियोग्राफी के नाम से भी जाना जाता है। इस टेस्ट के दौरान एक कैथेटर (एक तरह की पतली, लंबी, लचीली ट्यूब) को हाथ या पैर की धमनी (artery) में डाला जाता है। कैथेटर के मदद से डॉक्टर आर्टरी में एक खास तरह के डाई इंजेक्ट करता है, जो मस्तिष्क की तरफ जाती है। यह डाई आर्टरी के अंदर वाले भाग के एक्स-रे चित्रों बनाने में मदद करता है। इस टेस्ट को दूसरे टेस्ट से समस्या का पता नहीं चलने पर  किया जाता है। इस तकनीक से बनने वाली इमेज दूसरी किसी भी तकनीक से नहीं बनती है।

  • एमआरआई और सीटी स्कैन

मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग टेस्ट में बड़े चुम्बकों, रेडियो तरंगों और कंप्यूटर के माध्यम से चित्र को तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान एक मशीन के जरिए आपको चुम्बकों और रेडियो तरंगों के संपर्क में लाया जाता है। इससे आपके पूरे शरीर का एक 3D इमेज बनता है।

कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन की मदद से शरीर के अंदरूनी भागों का इमेज तैयार किया जाता है। इस टेस्ट के लिए खास तरह की एक्स-रे (X-RAYS) मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।

ये दोनो टेस्ट मस्तिष्क के अंदर के भाग को देखने के लिए और सूजन का पता लगाने के लिए मस्तिष्क का विस्तृत फोटो बनाते हैं। इससे मस्तिष्क के अंदर वाले भाग में होने वाली असामान्यता का आसानी से पता लगाया जा सकता है। 

  • इंट्राक्रेनियल प्रेशर मॉनिटरिंग

यह डॉक्टर को आपके स्कल के अंदर दबाव की मात्रा का आकलन करने में मदद करता है। इंट्राक्रेनियल प्रेशर को दो तरह से मापा जा सकता है।  एक तरीका यह है कि एक छोटी, हैलो ट्यूब (कैथेटर) को मस्तिष्क (वेंट्रिकल) में तरल पदार्थ से भरे स्थान में रखा जाए। दूसरे तरीके में स्कैल्प और मस्तिष्क के बीच की जगह में स्कैल्प के माध्यम से एक छोटा, हैलो डिवाइस (बोल्ट) रखा जाता है। 

दोनों डिवाइसेस को डॉक्टर द्वारा ऑपरेटिंग रूम में डाला जाता है। आईसीपी डिवाइस को एक मॉनिटर से जोड़ा जाता है जो स्कैल्प के अंदर दबाव की निरंतर रीडिंग लेता है। अगर में बहुत ज्यादा दबाव बढ़ा है, तो इसका तुरंत इलाज किया जाना चाहिए। जब तक आईसीपी डिवाइस स्कैल्प में लगी रहती है, तब तक आपको आराम से रहने के लिए दवाई दी जाती है। जब सूजन कम हो जाती है और अधिक सूजन होने की संभावना कम हो जाती है, तो इस डिवाइस को हटा दिया जाता है।

असामान्य पोस्चर का उपचार- Treatment of Abnormal Posturing in Hindi

असामान्य पोस्चर का इलाज (Treatment of Abnormal Posturing in Hindi) घर पर नहीं किया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर से इलाज करवाने की जरूरत होती है। आमतौर पर असामान्य पोस्चर का उपचार तत्काल किया जाता है और इसे आपातकालीन स्थिति माना जाता है। असामान्य पोस्चर एक गंभीर मेडिकल कंडीशन का संकेत माना जाता है, जिसके लिए तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। असामान्य पोस्चर के कारणों का समय पर पता लगाकर उसका इलाज कराने से समस्या को गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है।  

आपातकालीन उपचार के पहले स्टेप में सांस लेने में सहायता के लिए गले में श्वास नली डाला जाता है। दरअसल, मांसपेशियों में ऐंठन, मस्तिष्क में चोट और असामान्य पोस्चर के अन्य कारणों से सांस लेने में बाधा आ सकती है। एक बार जब आपकी स्थिति स्थिर हो जाती है, तो डॉक्टर पोस्चर के अंतर्निहित (underlying) कारण को निर्धारित कर सकता है।

अंतर्निहित कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री से जुड़ी सवाल पूछ सकते हैं। वे आपको आपके लक्षणों का समय, पोस्चर का विवरण और हाल की किसी चोट या ट्रामा के बारे में भी पूछ सकते हैं।

असामान्य पोस्चर से बचाव- Prevention of Abnormal Posturing in Hindi 

Abnormal Posturing in Hindi

पोस्चर का असामान्य (Abnormal Posturing in Hindi) होना चोट, बीमारी या किसी बीमारी का लक्षण हो सकता है। इन लक्षणों को नजरअंदाज करने से अंतर्निहित स्थिति और भी खराब हो सकती है। ऐसे में समस्या को होने से पहले ही रोकना एक बेहतर इलाज विकल्प है। इसलिए, आपको रक्त के थक्कों को बनने से रोकने के लिए भी कदम उठाने चाहिए। इससे असामान्य पोस्चर से बचा जा सकता है। इसके लिए आप इन स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं।

  • अगर आपका रक्तचाप (blood pressure) बढ़ा हुआ है, तो उसे नियंत्रित करने पर पोस्चर को असामान्य होने से रोकने में मदद मिल सकती है।
  • ब्लड शुगर के स्तर बढ़ने पर कई समस्याओं के बढ़ने का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे कि पोस्चर असामान्य होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में असामान्य पोस्चर से बचाव के लिए ब्लड शुगर को नियंत्रित करना जरूरी है।
  • कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने पर भी असामान्य पोस्चर की समस्या से बचाव हो सकता है।
  • यदि आप धूम्रपान करते हैं तो धूम्रपान छोड सकते है या धूम्रपान कम कर सकते हैं।
  • हफ्ते में कम से कम तीन बार व्यायाम करना चाहिए।

पोस्चर का असामान्य (Abnormal Posturing in Hindi) होना एक गंभीर समस्या है, जो ज्यादातर मस्तिष्क से जुड़ी समस्या के कारण होता है। इसलिए, इस स्थिति को अनदेखा न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर मस्तिष्क में किसी तरह की समस्या है, तो उसका जल्द से जल्द इलाज करवाएं। इससे असामान्य पोस्चर की स्थिति को बेहतर करने में भी मदद मिल सकती है। 

Author Contribution: Reviewed by Dr. Ram Reddy, MD – General Physician, Dr. Sadiq Mohammed, MD – Orthopedics, and Rajeshwar Rao, Pharm D

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