CBC टेस्ट: ब्लड की संपूर्ण जांच, जो देगी रोगों का अलर्ट, जानें कैसे

स्वास्थ्य की देखभाल हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विभिन्न परीक्षणों के माध्यम से हमारे शरीर की सेहत की जांच की जाती है, ताकि किसी भी बीमारी की उपस्थिति का पता चल सके और समय रहते इलाज किया जा सके। ऐसा ही एक परीक्षण होता है सीबीसी (CBC) यानी कम्प्लीट ब्लड काउंट (Complete Blood Count) टेस्ट, जिसमें खून में मौजूद विभिन्न तत्वों की जांच की जाती है।

CBC टेस्ट का मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रकार की रक्त कोशिकाओं जैसे रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स आदि के स्तर की जांच करना होता है। यह टेस्ट शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की स्थिति और यह जानने में मदद करता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में खून से संबंधित कोई समस्या तो नहीं है जैसे कि संक्रमण, एनीमिया, इन्फेक्शन, कैंसर और अन्य रक्त संबंधी समस्याएं। 

CBC टेस्ट के दौरान किन चीजों की जांच की जाती है?

CBC टेस्ट के दौरान खून के विभिन्न पैरामीटरों को मापा जाता है, जिनमें प्रमुख हैं –

हीमोग्लोबिन (Hemoglobin): हीमोग्लोबिन रक्त में मौजूद एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है। यह रक्त को लाल रंग देता है और ऑक्सीजन को खून में परिवहित करता है, जिससे शरीर में ऊर्जा मिलती है। 

रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells): रेड ब्लड सेल्स (आरबीसी) या एरिथ्रोसाइट्स शरीर में ऑक्सीजन को ले जाने और उसे ऊर्जा में परिवर्तित करने की क्षमता रखती हैं। यह रक्त में हीमोग्लोबिन को स्थानांतरित करने के लिए जिम्मेदार होती हैं।

हेमाटोक्रिट (Hematocrit): हेमाटोक्रिट रक्त में रेड ब्लड सेल्स की मात्रा का प्रतिशत होता है। यह रक्त के भागों को अलग करने वाले केंद्र के माध्यम से मापा जाता है और प्रतिशत के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।

व्हाइट ब्लड सेल्स (White Blood Cells): व्हाइट ब्लड सेल्स (डब्लूबीसी) या ल्यूकोसाइट्स शरीर के संक्रमण के खिलाफ लड़ाई करने वाली कोशिकाएं होती हैं। इनका मुख्य काम शरीर को बाहरी कीटाणुओं, रोगाणुओं और अन्य नुकसानकारक पदार्थों से बचाने में मदद करना होता है।

प्लेटलेट्स (Platelets): प्लेटलेट्स या थ्रोम्बोसाइट्स रक्त स्राव को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। ये रक्त को जमाने में मदद करते हैं। जब हमें चोट लगती है, तो ये खून को थक्के के रूप में जमा कर स्राव को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।ये कुछ मुख्य पैरामीटर हैं, जिन्हें CBC टेस्ट के माध्यम से मापा जाता है। इनके माध्यम से हम रक्त संबंधी समस्याओं की पहचान कर सकते हैं।

CBC टेस्ट क्यों किया जाता है?

CBC टेस्ट के जरिए विभिन्न रोगों की जांच की जाती है, जिनमें प्रमुख हैं –

CBC टेस्ट क्यों किया जाता है?

रक्ताल्पता का मूल्यांकन: CBC टेस्ट रक्ताल्पता का मापन करने में मदद करता है। हीमोग्लोबिन, रेड ब्लड सेल्स, हेमाटोक्रिट और अन्य पैरामीटरों के मापन के माध्यम से डॉक्टर रक्ताल्पता की स्थिति को निर्धारित कर सकते हैं। यह एनीमिया, थैलेसीमिया, ब्लीडिंग विकार, कैंसर और रक्त के अन्य विकारों की पहचान में मदद करता है।

इन्फेक्शन की जांच: CBC टेस्ट इन्फेक्शन की जांच के लिए उपयोगी होता है। व्हाइट ब्लड सेल्स की मात्रा और व्हाइट ब्लड सेल्स के प्रकारों के माध्यम से इन्फेक्शन की पहचान की जा सकती है। यदि व्हाइट ब्लड सेल्स की मात्रा बढ़ी हुई होती है, तो यह इंफेक्शन की संभावना को दर्शाता है।

एनीमिया की जांच: CBC टेस्ट रेड ब्लड सेल्स और हीमोग्लोबिन की मात्रा का मापन करने में मदद करता है। रेड ब्लड सेल्स रक्त में ऑक्सीजन के परिवहन करने के लिए जिम्मेदार होती हैं और हीमोग्लोबिन रक्त में ऑक्सीजन का परिवहन करने के लिए महत्वपूर्ण है। इन पैरामीटरों की मापन के माध्यम से डॉक्टर एनीमिया और अन्य रक्त संबंधी विकारों की जांच कर सकते हैं।

खून में गड़बड़ी: CBC टेस्ट प्लेटलेट्स की मात्रा को मापने में मदद करता है। प्लेटलेट्स खून को जमाने और रक्त स्राव को नियंत्रित रखने के लिए जरूरी होती हैं। प्लेटलेट्स की कमी या अधिकता रक्त के घनत्व, खून की गड़बड़ी या रक्ताल्पता की संभावना को प्रदर्शित करती है।

निगरानी: CBC टेस्ट बदलती रक्त स्थिति की निगरानी के लिए महत्वपूर्ण होता है। यदि किसी रोग या बीमारी के कारण रक्त की स्थिति में बदलाव होता है, तो CBC टेस्ट यह बता सकता है कि क्या कुछ गलत हो रहा है। यह टेस्ट डॉक्टर को आपकी रक्त संबंधी समस्याओं के लिए अलर्ट कर सकता है, जिससे वह उचित निदान और उपचार कर सकते हैं।

पदार्थों के प्रभाव का मूल्यांकन: CBC टेस्ट रक्त संबंधी पदार्थों के प्रभाव को मापने में मदद करता है। यह टेस्ट दवाओं, रोगाणुनाशक और कीमोथेरेपी के प्रभाव को मापने के लिए उपयोगी होता है। डॉक्टर इसका उपयोग करके दवा के प्रभाव को ट्रैक कर सकते हैं और यदि कोई असामान्य परिणाम होते हैं तो उचित निदान कर सकते हैं।

स्वास्थ्य स्क्रीनिंग: CBC टेस्ट स्वास्थ्य स्क्रीनिंग का महत्वपूर्ण टूल है। इसके माध्यम से रक्त की विभिन्न पैरामीटरों पर जांच की जाती है। यह टेस्ट स्वस्थ व्यक्ति के रक्त संबंधी मानकों की तुलना करके रक्त विकारों की पहचान कर सकता है और समय रहते इलाज की संभावना को बताता है।

CBC टेस्ट के माध्यम से रक्त संबंधी समस्याओं की पहचान, निदान और उपचार में मदद मिलती है। यह एक सरल और सामान्य टेस्ट होता है, जिसकी सुविधा अधिकांश चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में होती है।

CBC टेस्ट में किसी पैरामीटर का रिजल्ट कम या ज्यादा आने का क्या मतलब है?

यदि CBC टेस्ट में किसी भी पैरामीटर का मापन असामान्य होता है, तो इसका मतलब आपके शरीर में शारीरिक समस्याओं, रोगों या अन्य समस्याओं की उपस्थिति है। निम्न अवस्थाओं में CBC टेस्ट के सामान्य से अधिक या कम परिणाम हो सकते हैं –

एनीमिया (Anemia): यदि हीमोग्लोबिन या हीमोक्रिट स्तर कम है, तो इसका मतलब एनीमिया हो सकता है। एनीमिया रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है। एनीमिया के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे आयरन की कमी, विटामिन बी12 की कमी, फोलिक एसिड की कमी आदि।

इन्फेक्शन (Infection): यदि लयूकोसाइट्स (श्वेत रक्त कोशिकाएं) की संख्या बढ़ी हुई है, तो यह इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। लयूकोसाइट्स इंफेक्शन के खिलाफ लड़ने और इन्फेक्शन के नुकसान से शरीर को बचाता है।

इम्यून सिस्टम की समस्या (Immune System Disorders): कई इम्यून सिस्टम विकार और रोगों में ल्यूकोसाइट्स की संख्या में बदलाव हो सकता है।

खून में खराबी (Blood Disorders): CBC टेस्ट रक्त संबंधी विकारों की जांच करने में मदद करता है। जैसे लेक्योस्टेनिया, थैलेसीमिया, प्लेटलेट डिसऑर्डर्स आदि।

CBC टेस्ट को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यदि रेड ब्लड सेल काउंट अधिक हो, तो इसका क्या मतलब होगा?

उत्तर: रेड ब्लड सेल (लाल रक्त कोशिकाएं) काउंट अधिक होने का मतलब है कि आपके शरीर में अतिरिक्त संख्या में रेड ब्लड सेल्स हो सकती हैं। यह अवस्था पॉलीसिथेमिया के रूप में जानी जाती है।

रेड ब्लड सेल्स अधिक होने के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर: यदि आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या अधिक है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे शरीर में अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता होना, रक्त उत्पादन में बदलाव, जैसे कि रक्त के निर्माण के लिए अधिक इरोन की आवश्यकता होना, खून की खराबी, रक्तस्राव, अशुद्ध दवाओं का सेवन आदि।

यदि रेड ब्लड सेल काउंट कम हो, तो इसका क्या मतलब होगा?

उत्तर: रेड ब्लड सेल (लाल रक्त कोशिकाएं) काउंट कम होने का मतलब है कि आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी हो सकती है। यह स्थिति एनीमिया के रूप में जानी जाती है, जो शरीर के लिए आवश्यक ऑक्सीजन को सही मात्रा में पहुंचाने में समस्या पैदा कर सकती है।

रेड ब्लड सेल्स कम होने के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर: रेड ब्लड सेल्स कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि खून की खराबी या कमी, जो रक्त की उत्पत्ति में असमर्थता का कारण बनती है। इरोन, विटामिन बी 12 या फोलिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी, गंभीर रक्तस्राव या घाव के कारण खून की कमी, ऊतक विकार या असामान्य रक्त की निर्माण प्रक्रिया।

यदि हीमोग्लोबिन का स्तर उच्च हो, तो इसका क्या मतलब होगा?

उत्तर: हीमोग्लोबिन स्तर उच्च होने का मतलब है कि आपके रक्त में हीमोग्लोबिन (रक्त को ऑक्सीजन पहुंचाने वाला प्रोटीन) की संख्या अधिक हो सकती है। इस स्थिति को पॉलीसिथेमिया कहा जाता है, जिससे रक्त की तरलता और प्रवाह में संशोधन की समस्या हो सकती है।

हीमोग्लोबिन बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर: हीमोग्लोबिन बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं जैसे दीर्घकालिक रक्त प्रवाह के कारण रक्त की उत्पत्ति में बदलाव, अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता, जो अधिक ऊंचाई में रहने, ध्यान करने या शारीरिक गतिविधियों के कारण हो सकती है, रक्त संबंधी विकार, जैसे कि रक्त की अत्यधिक उत्पत्ति, रक्तस्राव आदि।

यदि हीमोग्लोबिन का स्तर कम है, तो इसका क्या मतलब होगा?

उत्तर: हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने का मतलब है कि आपके रक्त में हीमोग्लोबिन (रक्त को ऑक्सीजन पहुंचाने वाला प्रोटीन) की संख्या कम हो सकती है। यह स्थिति एनीमिया के रूप में जानी जाती है, जो शरीर के लिए आवश्यक ऑक्सीजन को सही मात्रा में पहुंचाने में समस्या पैदा कर सकती है।

हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर: हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे खून की कमी या कम रक्त की उत्पत्ति, जिससे हीमोग्लोबिन का संचय होता है, इरोन, विटामिन बी 12 या फोलिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी, गंभीर रक्तस्राव या घाव के कारण खून की अतिरिक्त हानि, अतिरिक्त उदासीनता के कारण रक्त की निर्माण प्रक्रिया कम होना आदि।

व्हाइट ब्लड सेल कम होने का क्या मतलब है?

उत्तर: सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण होती है। ये कोशिकाएं रोगों और संक्रमणों के खिलाफ लड़ने में मदद करती हैं और शरीर को संबंधित बाधाओं से बचाती हैं। सफेद रक्त कोशिकाओं (वाइट ब्लड सेल्स) की कमी का मतलब है कि आपके शरीर में संक्रमण या अन्य रोग की संभावना बढ़ सकती है।

व्हाइट ब्लड सेल में कमी के क्या कारण हो सकते हैं? 

उत्तर: व्हाइट ब्लड सेल में कमी के कई कारण होते हैं जैसे संक्रमण, रेडिएशन या कीमोथेरेपी, ऑटोइम्यून रोग, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही सफेद रक्त कोशिकाओं को ही नष्ट करता है आदि।

व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या अधिक होने का क्या मतलब है?

उत्तर: सफेद रक्त कोशिकाओं की बढ़ी संख्या का मतलब है कि आपके शरीर में संक्रमण, एलर्जी या अन्य रोग का संकेत हो सकता है। सफेद रक्त कोशिकाएं शरीर की रक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और संक्रमण और रोगों के खिलाफ लड़ाई में मदद करती हैं।

सफेद रक्त कोशिकाओं के बढ़ने के क्या कारण होते हैं?

उत्तर: सफेद रक्त कोशिकाओं के बढ़ने के कई कारण होते हैं जैसे संक्रमण, एलर्जी, रक्त संबंधी विकार, जिसमें शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की अत्यधिक उत्पत्ति होती है, अन्य समस्याएं जैसे रक्त कैंसर या रक्त सम्बंधित रोग।

यदि प्लेटलेट्स की संख्या अधिक होती है, तो इसका क्या मतलब होगा?

उत्तर: प्लेटलेट्स की बढ़ी हुई संख्या का मतलब है कि आपके शरीर में रक्त को जमने और रक्तस्राव को नियंत्रित करने की क्षमता बढ़ सकती है। प्लेटलेट्स शरीर के रक्तस्राव को बंद करने और रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ने के क्या कारण हैं?

उत्तर: प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ने के कई कारण होते हैं जैसे संक्रमण, जिसमें शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं बढ़ जाती हैं, सूजन, ट्यूमर या कैंसर के कारण प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ सकती है, उच्च रक्तचाप आदि।

यदि प्लेटलेट्स की संख्या कम होती है, तो इसका क्या मतलब होगा?

उत्तर: प्लेटलेट्स की कमी का मतलब होता है कि आपके शरीर में रक्त को जमाने और रक्तस्राव को नियंत्रित करने की क्षमता कम हो सकती है। प्लेटलेट्स शरीर के रक्तस्राव को बंद करने और रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

प्लेटलेट्स की कमी के क्या कारण हो सकते हैं? 

उत्तर: प्लेटलेट्स की कमी के कई कारण होते हैं जैसे संक्रमण, जिसमें शरीर की प्लेटलेट्स नष्ट हो जाती हैं। ऑटोइम्यून विकार, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही प्लेटलेट्स को नष्ट करता है। लाइफस्टाइल और आहार की समस्याएं, जिसमें शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है और प्लेटलेट्स की उत्पत्ति प्रभावित होती है। रक्त संक्रमण या अन्य रक्त सम्बंधित समस्याएं, जो प्लेटलेट्स की उत्पत्ति और संरक्षण को प्रभावित कर सकती हैं।

Disclaimer (खंडन): यह लेख केवल जानकारी के लिए दिया गया है। इसे अपने आप से जोड़कर न देखें और स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह अनुसार दवा लें और इलाज कराएं, क्योंकि किसी भी रोग का इलाज आपकी उम्र, रोग की गंभीरता, खान-पान, आपके शरीर आदि पर निर्भर करता है।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may also like: