जानिए हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान से जुड़ी पूरी जानकारी – Hair Transplant Disadvantages in Hindi

हमारे खाने-पीने, धूल-मिट्टी, मौसम में बदलाव और यहां तक कि प्रदूषण का असर हमारे सेहत के साथ-साथ त्वचा और बालों पर भी साफ नजर आता है। घने-सुन्दर बालों का काफी प्रभाव हमारे व्यक्तित्व पर पड़ता है। एक वक्त था जब काले-घने, रेशमी बाल होना सामान्य था, लेकिन आज यह काफी मुश्किल हो गया है। व्यस्त दिनचर्या और खानपान का असर बालों पर जल्द ही दिखने लगता है। नतीजा समय से पहले सफ़ेद बाल या अत्यधिक बालों का झड़ना। 

हालांकि, साइंस आज बहुत आगे बढ़ चुका है। इसलिए आजकल झड़ते बालों के लोग ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ (hair transplant in hindi) की तकनीक का फायदा उठा रहे हैं। लेकिन लोग ‘हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान’ (hair transplant disadvantages in hindi) को अभी तक ठीक से जान नहीं पाए हैं। ऐसे में आज के इस ख़ास ब्लॉग में  ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ (hair transplant in hindi) से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दे रहे हैं। साथ ही  ‘हेयर ट्रांसप्लांट के दुष्प्रभाव’ (hair transplant disadvantages in hindi) को भी हम उजागर करेंगे।

हेयर ट्रांसप्लांट क्या है?- What is Hair Transplant in Hindi

इससे पहले कि आप सीधे ‘हेयर ट्रांसप्लांट के दुष्प्रभाव’ (hair transplant disadvantages in hindi) के बारे में जानें, हम पहले  ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ क्या और कैसे होता है, इस बारे में जानकारी दे देते हैं। बता दें कि ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ एक प्रक्रिया है, जिसमें सर्जरी के जरिए डर्मेटोलॉजिस्ट यानी त्वचा विशेषज्ञ सिर के पीछे या जहां बाल पहले से ही मौजूद है, वहां से बाल निकालकर सिर के उस हिस्से में बाल लगाते हैं, जहां बाल झड़ चुके होते हैं। यह एक सर्जिकल तकनीक है और खासतौर से एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया (गंजेपन की समस्या का सबसे कॉमन प्रकार) से पीड़ित लोगों को कराने की सलाह दी जाती है। 

हेयर ट्रांसप्लांट करने के तरीके – Hair Transplant Process In Hindi

सबसे पहले हेयर ट्रांसप्लांट (hair transplant in hindi) की तकनीक को समझते हैं। बता दें कि हेयर ट्रांसप्लांट के दो तकनीक है। हालांकि, दोनों ही तरीके में डॉक्टर एनेस्थीसिया का उपयोग करते हैं। ये दो तकनीकें हैं – फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन और फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन। 

hair transplant

फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन 

इस तकनीक की बात की जाए तो इसमें सिर में जहां पहले से ही बाल है, उस भाग के त्वचा को निकालकर सिर के उस हिस्से में लगाया जाता है, जहां बाल नहीं है। इस तकनीक में त्वचा पर निशान आ सकते हैं, लेकिन बालों के उगने के बाद वो निशान हल्के या ढक सकते हैं। इस तकनीक को एफयूटी (FUT) भी कहा जाता है। 

FUT को कभी-कभी फॉलिक्युलर यूनिट स्ट्रिप सर्जरी (FUSS) के रूप में भी जाना जाता है। FUT प्रक्रिया करने के लिए, आपका सर्जन इन चरणों का पालन करता है:

  • एक स्केलपेल का उपयोग करके, सर्जन आपकी स्कैल्प की त्वचा के हिस्से का एक टुकड़ा हटा देता है, आमतौर पर आपके सिर के पीछे से। पट्टी का आकार आमतौर पर लगभग 6 से 10 इंच लंबा होता है, लेकिन कान से कान तक फैल सकता है।
  • वे उस क्षेत्र को टांके से बंद कर देते हैं जहां खोपड़ी की त्वचा को हटाया गया था।
  • आपके सर्जन और उनके सहायक स्कैल्पल की मदद से स्कैल्प स्ट्रिप को छोटे टुकड़ों में अलग करते हैं। वे टुकड़े को 2,000 से अधिक छोटे टुकड़ों में विभाजित कर सकते हैं, जिन्हें ग्राफ्ट कहा जाता है। इनमें से कुछ ग्राफ्ट में प्रत्येक में केवल एक बाल हो सकता है।
  • एक सुई या ब्लेड का उपयोग करके, सर्जन आपके सिर में छोटे छेद बनाता है, जहां बाल प्रत्यारोपित किए जाएंगे।
  • सर्जन स्कैल्प के हटाए गए टुकड़े से बालों को पंचर छेद में डालता है। इस चरण को ग्राफ्टिंग कहा जाता है।
  • फिर वे सर्जिकल साइटों को पट्टियों से ढक देते हैं।

आपको कितने ग्राफ्ट मिलेंगे इसकी संख्या इस पर निर्भर करती है कि:

  • आपके बाल किस प्रकार के हैं
  • प्रत्यारोपण की जगह का आकार
  • बालों की गुणवत्ता (मोटाई सहित)।
  • बालों का रंग

फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन

इस प्रक्रिया को एफयूई (FUE) के नाम से भी जाना जाता है। इसमें मैन्युअल तरीका अपनाया जाता है। इस तकनीक को लोग ज्यादा चुनते हैं, क्योंकि इसमें दर्द और रिकवरी जल्दी हो सकती है। 

FUE प्रक्रिया करने के लिए, आपके सर्जन ये स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं:

  • वे व्यक्ति के सिर के पीछे के बाल शेव कर देते हैं।
  • इसके बाद सर्जन खोपड़ी की त्वचा से अलग-अलग रोमों (follicles) को बाहर निकालते हैं। जहां प्रत्येक रोम (follicles) को हटाया गया था वहां आपको छोटे-छोटे निशान दिखाई देंगे।
  • एफयूटी प्रक्रिया की तरह, सर्जन आपकी स्कैल्प में छोटे छेद करते हैं और बालों के रोमों को छेदों में लगाते हैं।
  • फिर वे सर्जिकल साइट को पट्टियों से बैंडेज कर देते हैं। 

हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान – Hair Transplant Disadvantages In Hindi 

अब यह प्रक्रिया जानकर आपको यह तो पता ला ही गया होगा कि  ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ (hair transplant in hindi) आसान नहीं होता है कि एक जगह से बाल निकालो और दूसरी जगह लगा लो। ऐसे में इसे कराने के कुछ नुकसान भी आपको प्रक्रिया के दौरान ही अनुभव हो सकते हैं और इस तकनीक के बाद भी, कई दिनों तक आपको लग सकता है कि आपने क्यों ही यह फैसला किया। तो अगर आप  ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ (hair transplant in hindi) कराने की सोच रहे हैं, तो बेहतर है ‘हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान’ (hair transplant disadvantages in hindi) पहले ही जान लें। तो नीचे  ‘हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान’ (hair transplant disadvantages in hindi) कुछ इस प्रकार है:

hair transplant
  1. दर्द होना 

जैसे कि हमने जानकारी दी कि ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ (hair transplant in hindi) एक तरह का सर्जिकल प्रॉसेस है। इस दौरान व्यक्ति को लोकल एंस्थेसिया भी दिया जाता है, ताकि प्रोसीजर के दौरान दर्द महसूस न हो। हालाँकि, अगर इस दौरान एंस्थेसिया ज्यादा पावरफुल न हुआ तो प्रॉसेस के दौरान दर्द महसूस हो सकता है। इतना ही नहीं, यह प्रक्रिया होने के बाद जब सुन्नपन का असर थोड़ा कम होता है, तो व्यक्ति को दर्द और असहजता महसूस हो सकती है, जो कई-कई दिनों तक रह सकती है।

  1. सुन्नपन महसूस होना 

हेयर ट्रैन्स्प्लैंट (hair transplant in hindi) के बाद व्यक्ति को सिर में असहजता महसूस हो सकती है। यहां तक कि कई दिनों तक सिर में सुन्नपन महसूस हो सकता है। 

  1. घाव या सूजन 

जैसे कि हेयर ट्रैन्स्प्लैंट (hair transplant in hindi) के दौरान स्कैल्प पर कई कट्स लगाए जा सकते हैं। ऐसे में भले ही ये दाग वक्त के साथ भर जाए, लेकिन इससे सूजन और मवाद वाले सिस्ट या अल्सर हो सकते हैं। ऐसे में अगर ऐसे कुछ लक्षण दिखे तो तुरंत इस बारे में डॉक्टर से बात करें। इसके अलावा, कई बार लोगों को आंखों में भी सूजन की समस्या हो सकती है। 

  1. खुजली की समस्या 

‘हेयर ट्रांसप्लांट के नुकसान’ (hair transplant disadvantages in hindi) में खुजली की समस्या भी है। स्कैल्प पर पपड़ी की परेशानी हो सकती है, जो आगे चलकर खुजली का कारण बन सकती है। अगर वक्त रहते इस पर ध्यान न दिया जाए तो खुजली असहनीय भी हो सकती है। इसलिए अगर शुरुआत में ही खुजली की परेशानी हो तो तुरंत इस बारे में डॉक्टर से बात करें।

  1. खून निकलना 

डॉक्टर पूरी कोशिश करते हैं कि इस प्रोसीजर के दौरान खून न निकले, लेकिन कभी-कभी सिर पर दबाव के कारण स्कैल्प से खून बहने की शिकायत हो सकती है। ऐसा 100 में से किसी 1 को हो सकता है।

  1. संक्रमण का जोखिम

अगर ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ (hair transplant in हिंदी) के बाद व्यक्ति अपने स्कैल्प की साफ-सफाई पर ध्यान न दे तो इससे स्कैल्प में प्रभावित जगह पर इन्फ़ेक्शन यानी संक्रमण होने का जोखिम बढ़ जाता है।

  1. अंग का प्रभावित होना 

‘हेयर ट्रांसप्लांट’ (hair transplant in hindi) के दौरान जिस भी अंग से बालों को लिया गया है, उस जगह पर कुछ वक्त तक सुन्नपन महसूस हो सकता है। इतना ही नहीं उस अंग का नर्व डैमेंज भी होने का जोखिम बढ़ जाता है। अगर आपको कई दिनों तक प्रभावित अंग में सुन्नपन महसूस हो, तो बेहतर है इस बारे में डॉक्टर से जरूर बात करें।

  1.  बालों का झड़ना 

‘हेयर ट्रांसप्लांट’ (hair transplant in hindi) के दौरान शरीर के जिस जगह से बाल लिए गए है यानी डोनर एरिया, वहां से हो सकता है बाल ज्यादा झड़ने लगे। कई बार ऐसा होता है कि डोनर एरिया में हो सकता है या तो बाल ही न आए या काफी धीरे-धीर बालों की ग्रोथ हो।

  1. महँगा ट्रीटमेंट 

जैसे कि  ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ (hair transplant in hindi) कोई आसान और झटपट होने वाली प्रक्रिया नहीं है। ऐसे में इसके लिए एक्स्पर्ट डॉक्टर और मॉडर्न इक्विप्मेंट की आवश्यकता होती है। वहीं, यह ट्रीटमेंट हर जगह उपलब्ध नहीं होता है। ऐसे में इस ट्रीटमेंट के लिए बड़े-बड़े क्लिनिक और डॉक्टर की जरूरत होती है, जिसकी फीस जेब पर काफी भारी पड़ सकती है। वहीं, बार-बार फ़ॉलो अप में भी काफी पैसे निकलते हैं।

  1. असफल होने का जोखिम 

यदि डोनर क्षेत्र (आमतौर पर गर्दन के पिछले हिस्से) में बालों के रोमों की मात्रा कम है, या बालों के रोम बहुत पतले हैं, तो हेयर ट्रांसप्लांट ऑपरेशन विफल हो सकता है। हालांकि, इसके चान्सेस काफी कम है, लगभग 100 में से 5 से 10 प्रतिशत चांसेस है इसके असफल होने के, क्योंकि बेहतरीन उपकरण और एक्सपर्ट डॉक्टर की देखरेख में यह प्रक्रिया होती है। हालांकि, इसके विफल होने का संकेत यह है कि हेयर ट्रांसप्लांट की जगह पर कोई सुधार नहीं देखा जा सकता है। 

जानिए हेयर ट्रांसप्लांट (Hair transplant) किन लोगों को नहीं कराना चाहिए 

कुछ लोगों को हेयर ट्रैन्स्प्लैंट न कराने की सलाह दी जाती है। इनमें शामिल हैं:

  • मधुमेह यानी डायबीटीज के मरीज 
  • दिल की बीमारी वाले व्यक्तियों को हेयर ट्रैन्स्प्लैंट (hair transplant in hindi) न कराने की सलाह दी जाती है।
  • अगर कोई बीपी का मरीज है तो उसे यह प्रक्रिया नहीं करानी चाहिए।
  • कोई विशेष दवा का सेवन कर रहे हों।
  • गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को हेयर ट्रांसप्लांट (hair transplant in hindi) न कराने की सलाह दी जाती है।
  • संवेदनशील त्वचा या जल्दी ही किसी दवा से ऐलर्जी की समस्या होने वाले लोगों को  हेयर ट्रांसप्लांट (hair transplant in hindi) से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

जानिए हेयर ट्रांसप्लांट (Hair transplant) से पहले और बाद में ध्यान रखने वाली सावधानियाँ 

व्यक्ति को हेयर ट्रैन्स्प्लैंट (hair transplant in hindi) से पहले से ही अपने आप को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रखना आवश्यक है। इसके अलावा, कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। तो इनमें शामिल है:

हेयर ट्रैन्स्प्लैंट (hair transplant in hindi) से पहले 

  • सबसे पहले आप अपना बजट बनाएं और इस बारे में पूरी रीसर्च करें।
  • जब एक बार बजट तय हो जाए तो अच्छे क्लिनिक की तलाश करें। याद रखें यह एक बड़ा फैसला है इसलिए सस्ते के चक्कर में गलत चयन न कर लें। 
  • इन सब मामलों में टॉप इक्विप्मेंट वाले और बेस्ट डॉक्टर को ही चुनें।

हेयर ट्रैन्स्प्लैंट (hair transplant in hindi) के बाद 

  • जिस तरह हेयर ट्रैन्स्प्लैंट के पहले कुछ बातों का ध्यान रहना आवश्यक है, वैसे ही बाद में जब हेयर ट्रैन्स्प्लैंट हो जाए तो कम से कम 24 घंटे तक ड्राइव न करें, क्योंकि एनेस्थेसिया का असर रह सकता है।
  • डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाइयों को सही वक्त पर लेते रहें।
  • आप अपने डॉक्टर से स्कैल्प पर बर्फ लगाने से जुड़े सवाल करें और अगर वे हां बोलते हैं तो अपने स्कैल्प पर बर्फ लगाएं।
  • अपने स्कैल्प को कलर या डाई न करें, क्योंकि इससे स्कैल्प पर संक्रमण होने का जोखिम बढ़ सकता है और बालों को भी आने में वक्त लग सकता है।
  • धूप में बाहर निकलने से बचें। हो सके तो स्कैल्प पर स्कार्फ़ बांधकर निकलें। दरअसल, धूप-धूल मिट्टी से स्कैल्प में पसीना आने की और जलन होने का जोखिम बढ़ सकता है।
  • शराब के सेवन या धूम्रपान से बचें।
  • स्वस्थ डाइट लें, खासकर बालों के स्वास्थ्य के लिए अधिक से अधिक हरी सब्जियां और फलों का सेवन करें। 
  • जंक फूड, तला-भुना या अधिक मीठा न खाएं।
  • बेहतर है अपने डाइट के बारे में डॉक्टर से सलाह लें और उसी अनुसार डाइट फ़ॉलो करें। 

बता दें  ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ (hair transplant in hindi) का फैसला एक बड़ा निर्णय है। इसलिए इसे लेकर जल्दबाजी बिलकुल ना दिखाएं। सोच-समझकर, अधिक से अधिक रीसर्च करके फैसला लें। उम्मीद है इस आर्टिकल के ज़रिए हम आप तक  ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ के नुकसान  (hair transplant disadvantages in hindi) से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा जानकारी दे सके होंगे। ऐसे ही अन्य जानकारियों के लिए जुड़े रहें ‘curepedia’ के साथ। वहीं, ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ के दुष्प्रभाव (hair transplant disadvantages in hindi) या ‘हेयर ट्रांसप्लांट’ (hair transplant in hindi) से जुड़ा कोई भी सवाल हो तो हमें कॉमेंट बॉक्स में लिख भेजें। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि हम जल्द से जल्द आपके सवालों का जवाब दे सकें।

Author Contribution: Reviewed by Dr. Ram Reddy, MD – General Physician, Dr. Sadiq Mohammed, MD – Orthopedics, and Rajeshwar Rao, Pharm D.

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