पेशाब में मवाद कोशिकाओं (Pus Cells in Urine) का मौजूद होना एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। पेशाब में मवाद या पस आना प्युरिया (Pyuria) कहलाता है। जब तक पेशाब में मवाद की मात्रा सामान्य होती है, तब तक चिंता की कोई जरूरत नहीं होती, लेकिन पेशाब में लगातार मवाद और अधिक मात्रा में आना किसी गंभीर बीमारी या संक्रमण का संकेत भी हो सकता है। प्युरिया आमतौर पर मूत्राशय (यूरिनरी ब्लैडर) या मूत्रमार्ग (यूरेटर) के संक्रमण का संकेत हो सकता है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
पेशाब में पस सेल्स उपस्थित होने का मतलब होता है कि शरीर में संक्रमण की संभावना हो सकती है। पस सेल्स को व्हाइट ब्लड सेल्स (सफेद रक्त कोशिका) भी कहा जाता है। पस कोशिकाएं शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए जरूरी होती हैं। यह शरीर को विभिन्न रोगों और संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। पेशाब में पस सेल्स उपस्थित होने के कारण मूत्रमार्ग में दर्द, पेशाब करते समय जलन या धक्का लगने का अनुभव, पेशाब के रंग या गंध में परिवर्तन, तीव्रता या बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता, तापमान का बढ़ जाना आदि लक्षण हो सकते हैं।
इसके उपचार में आमतौर पर डॉक्टरों द्वारा एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है, जो संक्रमण के कारणों को नष्ट करने में मदद करती हैं। इसके अलावा, पर्याप्त पानी पीने, सॉफ्ट ड्रिंक के सेवन से बचने, उचित हाइजीन रखने और स्वस्थ आहार लेने, तनाव को कम करने जैसी सावधानियां रखनी चाहिए।
पेशाब में पस सेल्स (प्युरिया) के कारण
प्युरिया एक सामान्य स्थिति होती है, जिसमें पेशाब में पस सेल्स (बैक्टीरियल या व्हाइट सेल्स) की मात्रा बढ़ जाती है। यह संक्रमण या अन्य मेडिकल कंडीशन के परिणामस्वरूप हो सकता है, जो निम्न हैं –
मूत्राशय संक्रमण: मूत्राशय में संक्रमण प्युरिया का सबसे सामान्य कारण है। यह संक्रमण मूत्राशय में बैक्टीरिया की पहुंच के कारण होता है, जिसके परिणामस्वरूप पस सेल्स पेशाब में आने लगते हैं। मूत्राशय संक्रमण का मुख्य कारण विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया हो सकते हैं।
मूत्रमार्ग संक्रमण: मूत्रमार्ग में संक्रमण भी प्युरिया का कारण बन सकता है। यह संक्रमण यूरेथ्रा में हो सकता है, जो मूत्राशय को नलिका से जोड़ता है। यूरेथ्राइटिस (यूरेथ्रा का संक्रमण) प्युरिया का सामान्य कारण होता है और यह आमतौर पर महिलाओं में अधिक देखा जाता है।
किडनी संक्रमण: किडनी में संक्रमण भी प्युरिया का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। यह संक्रमण बैक्टीरियल संक्रमण के कारण हो सकता है, जिसमें किडनी में बैक्टीरिया पहुंचते हैं।
यूरोजेनिटल संक्रमण: जब पुरुषों या महिलाओं के जननांगों में संक्रमण होता है, तो यह प्युरिया का कारण बन सकता है। यह संक्रमण मूत्राशय और यूरेथ्रा को प्रभावित कर सकता है और पस सेल्स की मात्रा को बढ़ा सकता है।
अन्य संक्रमण: प्युरिया का कारण श्वेत पेशाब रोग, प्रोस्टेटाइटिस, गर्भाशय संक्रमण, रक्त में संक्रमण, डिफ्थीरिया और मलेरिया आदि भी हो सकते हैं।
यूरेथ्रल इंफेक्शन: यूरेथ्रा में होने वाला संक्रमण भी प्युरिया का कारण बन सकता है। यह संक्रमण यूरेथ्राइटिस के रूप में जाना जाता है और यूरेथ्रा को प्रभावित करता है।
यूरोलिथियासिस: यूरोलिथियासिस पथरी बनने का एक सामान्य कारण है, जो प्युरिया का भी कारण बन सकता है। यह स्थिति तब होती है, जब मूत्राशय या मूत्रमार्ग में पत्थरी बन जाती है, जिससे संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
शारीरिक या मानसिक तनाव: शारीरिक या मानसिक तनाव भी प्युरिया का कारण बन सकते हैं। जब हम तनाव में होते हैं, तो यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
प्युरिया के विभिन्न कारण हो सकते हैं और यह महत्वपूर्ण है कि इन कारणों की समय रहते पहचान और उपचार किया जाए। यदि किसी व्यक्ति को प्युरिया के लक्षण होते हैं, तो उन्हें विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
प्युरिया किसे प्रभावित कर सकता है?
प्युरिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। यह बीमारी महिलाओं, पुरुषों, बच्चों और वृद्धों को समान रूप से प्रभावित कर सकती है।
महिलाओं को: महिलाओं में प्युरिया के कारण विशेष रूप से मूत्रमार्ग संक्रमण, यूरेथ्राइटिस या गर्भाशय संक्रमण हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को प्युरिया का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है और बैक्टीरिया के प्रवेश का खतरा बढ़ जाता है।
पुरुषों को: पुरुषों में प्युरिया का मुख्य कारण यूरोजेनिटल संक्रमण, प्रोस्टेटाइटिस या यूरेथ्राइटिस हो सकता है। पुरुषों को अधिकांश प्रोस्टेटाइटिस का खतरा होता है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि में संक्रमण के कारण होता है।
बच्चों में: बच्चों में प्युरिया के कारण संक्रमणीय रोग जैसे कि मूत्रमार्ग संक्रमण या किडनी संक्रमण हो सकते हैं। बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली अविकसित होती है और उन्हें आसानी से संक्रमण हो सकता है।
बुजुर्गों में: बुजुर्गों में प्युरिया के कारण अनेक संक्रमणों की संभावना होती है। वृद्ध लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और वे संक्रमण के लिए अधिक संक्रमणशील होते हैं।
प्युरिया यूरोलिथियासिस, शारीरिक या मानसिक तनाव आदि वजह से होता है। इसलिए यदि आपको ऐसे कोई लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
पेशाब में पस सेल्स (प्युरिया) के लक्षण
प्युरिया के लक्षणों को निम्न तरीके से पहचाना जा सकता है –
पेशाब करने के दौरान जलन: प्युरिया के लक्षण में पेशाब करने के समय जलन या का अनुभव हो सकता है। यह दर्दनाक या जलन का एक तीव्र अनुभव होता है।
पेशाब करने की अधिक इच्छा: प्युरिया के कारण पेशाब करने की अधिक इच्छा हो सकती है। उसे आवश्यकता से अधिक बार पेशाब करना पड़ सकता है।
पेशाब करते समय दर्द: पेशाब करने के समय दर्द हो सकता है, जो प्युरिया का लक्षण हो सकता है। यह दर्द पेशाब करते समय तीव्र होता है।
पेशाब का गहरा रंग: प्युरिया के कारण पेशाब का रंग गहरा हो सकता है। इस दौरान पेशाब का रंग आमतौर पर सामान्य से अधिक गहरा होता है और यह गहरे पीले या गहरे लाल रंग का हो सकता है।
पेशाब में बदबू: प्युरिया के कारण पेशाब में अनुचित बदबू हो सकती है। पेशाब में उपस्थित पस सेल्स या बैक्टीरिया गंध का कारण बनते हैं।
पेशाब में उत्तेजना: प्युरिया के कारण पेशाब में उत्तेजना या खराश हो सकती है। व्यक्ति को आने वाली पेशाब की ऊर्जा का एहसास हो सकता है।
आंतरिक दर्द या तनाव: प्युरिया के लक्षणों में आंतरिक दर्द या तनाव का अनुभव हो सकता है। यह तनाव शरीर में संक्रमण के कारण होता है और व्यक्ति को अस्वस्थ महसूस करा सकता है।
पेशाब की संख्या में परिवर्तन: प्युरिया के कारण पेशाब की संख्या में परिवर्तन हो सकता है। व्यक्ति को कई बार पेशाब करने की इच्छा हो सकती है या पेशाब करने की संख्या कम हो सकती है।
यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण महसूस होते हैं, तो उन्हें विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।
प्युरिया के निदान और उपचार
प्युरिया का निदान संभवतः निम्न परीक्षणों के माध्यम से किया जाता है –
पेशाब संग्रह: इस परीक्षण में पेशाब का नमूना लिया जाता है और उसे एक कंटेनर में संग्रहित किया जाता है, इससे प्रारंभिक तौर पर प्युरिया का पता चलता है। इसमें पस सेल्स की गिनती की जाती है।
पेशाब विश्लेषण: पेशाब संश्लेषण में पेशाब के नमूने को विशेष पदार्थों के साथ मिलाकर उसका विश्लेषण किया जाता है। इससे संक्रमण के कारणों जैसे कि बैक्टीरियल इंफेक्शन, विषाक्त पदार्थों की पहचान आदि होती है।
अन्य परीक्षण: इसके बाद जरूरत पड़ने पर अन्य परीक्षण भी किए जा सकते हैं जैसे कि कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन, यूरोग्राफी या सिस्टोस्कोपी आदि। ये परीक्षण संक्रमण के कारणों का विश्लेषण करने के लिए किए जाते हैं।
प्युरिया के उपचार का मुख्य लक्ष्य उसके मूल कारण का निदान करके उसे ठीक करना होता है। उपचार का चयन प्युरिया के कारण पर निर्भर करता है। इसका उपचार निम्न तरीके से किया जा सकता है –
दवाइयां: बैक्टीरियल संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं। इसके अलावा, अन्य दवाइयां भी प्रदान की जा सकती हैं, जो संक्रमण को नष्ट करने या इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं।
जीवनशैली में बदलाव: प्युरिया के मूल कारणों के उपचार के लिए स्वस्थ और साफ रखाव, अच्छी जीवनशैली और स्वस्थ आहार का सेवन शामिल हो सकता है।
सर्जरी: कई स्थितियों में सर्जरी की जरूरत हो सकती है, जैसे कि बड़ी पथरी, यूरेथ्रल इंफेक्शन या अन्य मेडिकल कंडीशनों का इलाज करने के लिए यूरोलॉजिकल सर्जरी की जरूरत हो सकती है।
प्युरिया का उपचार इसके मूल कारण की पहचान पर निर्भर करेगा, इसलिए ऐसी किसी स्थिति में विशेषज्ञ डॉक्टर के पास जाकर उचित जांच कराएं, ताकि सही उपचार किया जा सके।
प्युरिया के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्युरिया क्या है?
उत्तर: प्युरिया एक स्थिति है, जिसमें पेशाब में पस सेल्स की मात्रा बढ़ जाती है। यह संक्रमण या अन्य मेडिकल कंडीशन के परिणामस्वरूप हो सकती है।
प्युरिया के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर: प्युरिया संक्रमण, यूरोलिथियासिस (पथरी), शारीरिक या मानसिक तनाव,, यूरेथ्राइटिस आदि कारण से हो सकता है।
प्युरिया के क्या लक्षण होते हैं?
उत्तर: प्युरिया के लक्षण में पेशाब करते समय जलन, बार-बार पेशाब करने की इच्छा, पेशाब करते समय दर्द, पेशाब का गहरा रंग, पेशाब में बदबू, पेशाब में उत्तेजना, आंतरिक दर्द या तनाव आदि शामिल हो सकते हैं।
क्या प्युरिया किसी विशेष उम्र या लिंग के लोगों को प्रभावित करता है?
उत्तर: नहीं, प्यूरिया किसी भी उम्र और लिंग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। यह महिलाओं, पुरुषों, बच्चों और वृद्धों को समान रूप से प्रभावित कर सकता है।
प्युरिया के लिए कौन सी दवाएं प्रयोग की जाती हैं?
उत्तर: प्युरिया के इलाज के लिए एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और अन्य दवाइयां प्रयोग जा सकती हैं। इन दवाओं का उपयोग संक्रमण को नष्ट करने या इसके लक्षणों को कम करने में किया जाता है।
क्या प्युरिया का पूर्णतः इलाज संभव है?
उत्तर: हां, प्युरिया का इलाज संभव है। इलाज के माध्यम से प्युरिया के कारणों का को ठीक किया जाता है। हालांकि, प्युरिया का इलाज मौजूदा मेडिकल कंडीशन और व्यक्ति की विशेष प्रोफाइल पर निर्भर करेगा।
क्या प्युरिया अपने आप ठीक हो जाता है?
उत्तर: प्युरिया आमतौर पर एक संक्रमण के परिणामस्वरूप होता है, इसलिए यह अपने आप ठीक नहीं होगा। अगर किसी को प्युरिया के लक्षण होते हैं, तो उन्हें चिकित्सा से संपर्क करके सही उपचार प्राप्त करना चाहिए।
क्या प्युरिया एक संक्रामक रोग है?
उत्तर: हां, प्युरिया एक संक्रामक रोग हो सकता है। यह रोग बैक्टीरियल इन्फेक्शन, वायरल इन्फेक्शन या अन्य संक्रमण के कारण होता है, जो पेशाब में पस सेल्स के उत्पादन का कारण बनते हैं।
क्या प्युरिया को हमेशा संक्रमण का संकेत माना जाता है?
उत्तर: प्युरिया सामान्यतः संक्रमण के परिणामस्वरूप ही होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हर प्युरिया संक्रमण का संकेत होगा। यह मेडिकल कंडीशन या रोगों के परिणामस्वरूप भी हो सकता है। इसलिए, प्युरिया के लक्षणों के संबंध में विशेषज्ञ चिकित्सक का मार्गदर्शन लेना चाहिए।
प्युरिया संक्रमण कैसे फैलता है?
उत्तर: प्युरिया संक्रमण बैक्टीरियल या अन्य कारकों के संक्रमण के परिणामस्वरूप हो सकता है। ये संक्रमण वायरस, बैक्टीरिया या अन्य कीटाणुओं द्वारा फैल सकते हैं, जो मूत्र मार्ग के माध्यम से प्रवेश करते हैं और पेशाब में पस सेल्स का उत्पादन करते हैं।
क्या प्युरिया नजरअंदाज किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, प्युरिया को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यदि किसी को प्युरिया के लक्षण होते हैं, तो उसे चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए और उचित उपचार प्राप्त करना चाहिए। अनदेखा करने से समस्या और गंभीर हो सकती है।
क्या प्युरिया एक जानलेवा बीमारी है?
उत्तर: नहीं, प्युरिया एक जानलेवा बीमारी नहीं है। यह एक शारीरिक समस्या है, जो व्यक्ति के स्वास्थ्य और आम जीवन को प्रभावित कर सकती है, लेकिन इसे ठीक करने के लिए उचित उपचार उपलब्ध है।
प्युरिया को रोकने के लिए क्या करें?
उत्तर: प्युरिया को रोकने के लिए निम्नलिखित प्रतिबंध उपायों का पालन कर सकते हैं:
- स्वच्छता और शुद्धता का ध्यान रखें, खासकर मूत्र मार्ग की सुरक्षा रखें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि शरीर में पेशाब साफ हो सके।
- नियमित रूप से पेशाब करें और पेशाब करने के बाद व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें।
- सेक्सुअल हाइजीन के बारे में जागरूक रहें और संबंध बनाने से पहले और बाद में स्वच्छता का ध्यान रखें।
- चिकित्सक द्वारा बताई गई बातों का ध्यान रखें, समय पर गोलियों का सेवन करें और कभी भी ओवरडोज न लें।
Disclaimer (खंडन): यह लेख केवल जानकारी के लिए दिया गया है। इसे अपने आप से जोड़कर न देखें और स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह अनुसार दवा लें और इलाज कराएं, क्योंकि किसी भी रोग का इलाज आपकी उम्र, रोग की गंभीरता, खान-पान, आपके शरीर आदि पर निर्भर करता है।