आज की व्यस्त जीवनशैली और मोबाइल एवं लैपटॉप के बढ़ते उपयोग के चलते नजर कमजोर होना और चश्मा लगना एक आम बात हो गई है। लेकिन कई लोग ऐसे हैं, जो चश्मे के रखरखाव से परेशान रहते हैं और बिना चश्मे के ही पहले जैसी नजर चाहते हैं। ऐसे लोगों के लिए लेसिक सर्जरी (Lasik Surgery) बहुत उपयोगी है। जिसमें आंखों की सर्जरी करके आंखों की दृष्टि का इलाज किया जाता है, जिससे चश्मा पहनने से निजात मिल जाती है।
लेसिक का मतलब लेजर-असिस्टेड इन सीटू केराटोमाइल्यूसिस सर्जरी है। यह एक आधुनिक तकनीकी प्रक्रिया है, जिसका उपयोग कमजोर नजर को सुधारने में किया जाता है। यह प्रक्रिया कॉर्निया की आवृत्ति की परत में बदलाव करती है, जिससे आंख की दृष्टि सुधरती है। इस सर्जरी में लेजर का उपयोग किया जाता है।
लेसिक सर्जरी एक सामान्यतः सुरक्षित प्रक्रिया है, जो आमतौर पर कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है। यह एक लोकप्रिय चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसकी अधिकांश मान्यता प्राप्त विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी जाती है। इसमें आंख की बदलती हुई परत को ठीक करके आंख के नंबर को कम किया जाता है। लेसिक सर्जरी का प्रयोग आंखों की दृष्टि सुधारने और चश्मा या लेंस की आवश्यकता को कम करने के लिए किया जाता है।
लेसिक सर्जरी कैसे की जाती है?
लेसिक सर्जरी आंखों के कॉर्निया की परत को बदलकर दृष्टि को सुधारने के लिए की जाती है, जिसकी प्रक्रिया निम्न तरह से होती है –
जांच: सबसे पहले आंख की जांच की जाती है, ताकि चिकित्सक आपकी नजर को समझ सके और आपके लिए सबसे उचित उपाय निर्धारित कर सके।
तैयारी: सर्जरी के दिन आपको एनेस्थीसिया दिया जाता है, ताकि आप आंखों की सुरक्षा और आराम से इस प्रक्रिया को सहन कर सकें।
कॉर्निया की परत खोलना: लेजर का उपयोग करके चिकित्सक कॉर्निया की परत में एक छोटा सा छेद करता है और जरूरी सर्जरी को अंजाम देता है।
सुरक्षा: सर्जरी के बाद आंख को सुरक्षित रखने और संक्रमण से बचाने के लिए ड्रॉप या चश्मा दिया जाता है, जिसे कुछ दिनों तक लगाना होता है।
आराम: इस प्रक्रिया के बाद आपको कुछ दिनों तक आराम करने की सलाह दी जाती है। आपकी दृष्टि बहुत जल्द सुधारने लगती है और आपका चश्मा निकल जाता है।
एक आंख के लिए इस पूरी प्रक्रिया में करीब 10 मिनट लगते हैं। ध्यान रहे लेसिक सर्जरी को प्रशिक्षित और अनुभवी चिकित्सक द्वारा कराना चाहिए।
लेसिक सर्जरी के प्रकार
यदि आप लेसिक सर्जरी कराने की सोच रहें हैं, तो सर्जन आपको निम्न सर्जिकल विकल्पों की सलाह देंगे –
लेसिक (LASIK): यह आंख की सर्जरी का सबसे प्रसिद्ध प्रकार है, जिसमें एक ब्लेड की सहायता से आंख के कॉर्निया में एक छेद किया जाता है। फिर लेजर का उपयोग करके परतों को हटाया जाता है।
इंट्रा-लेसिक (Intra-LASIK): इस प्रक्रिया में लेजर का उपयोग किया जाता है। इसमें कॉर्निया को काटकर और पुनः आकार देने के लिए लेजर का उपयोग किया जाता है।
वेवफ्रंट लेसिक (Wavefront LASIK): यह एक आधुनिक और उन्नत तकनीक है। इस प्रक्रिया के दौरान स्कैन द्वारा कॉर्निया का एक 3-आयामी मानचित्र बनाया जाता है। यह सर्जरी अधिक सटीक होती है और इसके बाद 20/20 दृष्टि प्राप्त करने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
लेसिक सर्जरी कराने के फायदे
तुरंत परिणाम: लेसिक सर्जरी द्वारा दृष्टि में सुधार करने के बाद लोगों को तुरंत परिणाम मिलता है। वे बिना चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस के अच्छे से देख सकते हैं।
सुविधाजनक: लेसिक सर्जरी के बाद व्यक्ति को सही से देखने के लिए चश्मा लगाने की आवश्यकता नहीं होती है, जो दैनिक जीवन में, खेल, यात्रा और विभिन्न गतिविधियों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
स्वतंत्रता की भावना: लेसिक सर्जरी कराने के बाद लोग चश्मा और कॉन्टैक्ट लेंस के बंधन से मुक्त हो जाते हैं। वे अपनी नजर को स्वतंत्रता से उपयोग कर सकते हैं और दुनिया को स्पष्टता से देख सकते हैं।
आंखों की सुरक्षा: लेसिक सर्जरी सुरक्षित और प्रमुख दृष्टि सुधार तकनीक है। इसमें बिना किसी चीड़-फाड़ के लेजर की मदद से आंखों की समस्याओं का समाधान किया जाता है।
अस्थायी पीड़ा की कमी: लेसिक सर्जरी के बाद लोगों को नजर में अस्थायी पीड़ा की कमी का अनुभव होता है। वे सक्रिय जीवन जीने के दौरान भी अच्छी दृष्टि का आनंद ले सकते हैं और चश्मे की चिंता से मुक्त हो सकते हैं।
संक्रमण कम होना: लेसिक सर्जरी एक संक्रमण-मुक्त प्रक्रिया है। सर्जरी के दौरान, एंटीबायोटिक और एंटीसेप्टिक उपचार का उपयोग किया जाता है जो संक्रमण का खतरा कम करता है।
जीवन में आराम: लेसिक सर्जरी के बाद व्यक्ति को चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से निजात मिलती है। वे बिना किसी असुविधा के आराम से सो सकते हैं और गाड़ी चला सकते हैं।
दृष्टि में सुधार: लेसिक सर्जरी से व्यक्ति की दृष्टि में सुधार होता है। यह चिकित्सा प्रक्रिया अन्य नजर सुधार तकनीकों की तुलना में अधिक सकारात्मक परिणाम देती है।
आत्मविश्वास में वृद्धि: लेसिक सर्जरी के बाद व्यक्ति के आत्मविश्वास और संपूर्ण व्यक्तित्व में सुधार होता है। वह बिना चश्मा के आत्मनिर्भरता से जी सकता है।
लेसिक सर्जरी एक उन्नत और सुरक्षित तकनीक है, जो दृष्टि सुधार में महत्वपूर्ण योगदान देती है। इससे लोगों को बेहतर दृष्टि का अनुभव होता है और उन्हें एक स्वतंत्र और सक्रिय जीवन जीने की सुविधा मिलती है।
लेसिक सर्जरी के साइड इफेक्ट्स
लेसिक सर्जरी एक सुरक्षित और प्रमुख नजर सुधार तकनीक है, लेकिन कुछ लोगों को इससे कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। यह साइड इफेक्ट्स आमतौर पर अस्थायी होते हैं और खुद-ब-खुद ठीक हो जाते हैं, जो निम्न हैं –
आंखों में अस्थायी खराबी: लेसिक सर्जरी के बाद कुछ समय तक कुछ लोगों को आंखों में अस्थायी खराबी का अनुभव हो सकता है। इसमें दृष्टि धुंधली और अस्पष्ट हो सकती है, लेकिन यह अस्थायी होता है और आमतौर पर कुछ हफ्तों में ठीक हो जाता है।
सूखापन और आंखों की जलन: लेसिक सर्जरी के बाद कुछ लोगों को आंखों में सूखापन और जलन का अनुभव हो सकता है। यह आमतौर पर कुछ दिनों तक बना रहता है और खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है। यदि यह समस्या लंबे समय तक बना रहता है, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
दृष्टि में अस्थाई बदलाव: कुछ लोगों को लेसिक सर्जरी के बाद अस्थाई बदलाव का अनुभव हो सकता है। इसमें दृष्टि में फिर से अस्पष्टता हो सकती है और दृष्टि के सामान्य होने में समय लग सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को लेसिक सर्जरी के बाद ये साइड इफेक्ट्स अधिक समय तक बने रहते हैं या गंभीर होते हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। एक अनुभवी नेत्र चिकित्सक व्यक्ति की स्थिति का मूल्यांकन करेगा और उचित सलाह देगा।
लेसिक सर्जरी के बाद इन बातों का रखें ध्यान
आराम करें: सर्जरी के बाद आपको अपनी आंखों को आराम देने की आवश्यकता होती है। अधिकतर चिकित्सकों द्वारा आपको आराम करने की सलाह दी जाएगी।
नियमित दवा लें: यदि डॉक्टर ने कोई दवा दी है, तो उसे नियमित रूप से और सही मात्रा में लें।
निरीक्षण कराएं: सर्जरी के बाद नियमित अंतराल पर निरीक्षण कराना महत्वपूर्ण होता है। इससे डॉक्टर को आपकी आंखों की प्रगति का निरीक्षण करने का मौका मिलेगा।
चश्मा और कॉन्टैक्ट लेंस से दूर रहें: डॉक्टर की सलाह के अनुसार चश्मा और कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग बंद करें।
आंखों को सुरक्षित रखें: आंखों को धूप और अन्य विषाणुओं से सुरक्षित रखें। आपको डॉक्टर की सलाह के अनुसार आंखों की सुरक्षा के लिए चश्में का उपयोग करना चाहिए।
सोते समय आंखों की सुरक्षा: आपको सोते समय आंखों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
अच्छा आहार लें: लेसिक सर्जरी के बाद हरी सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए, जो आपकी आंखों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती हैं।
सावधानियां बरतें: सर्जरी के बाद आपको सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे आंखों को नहीं रगड़ना चाहिए, आंखों को धोने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें और अगर आपको किसी तरह के संक्रमण के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
नियमित फॉलोअप करें: सर्जरी के बाद नियमित फॉलोअप अपॉइंटमेंट के लिए अपने डॉक्टर के पास जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे वे आपकी आंखों की प्रगति का मूल्यांकन कर सकेंगे और किसी भी संभावित समस्या का पता लगा सकेंगे।
इन बातों का ध्यान रखने से आप लेसिक सर्जरी के बाद अपनी आंखों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और प्रगति को सुनिश्चित कर सकते हैं। अगर किसी भी प्रकार की समस्या या अस्पष्टता महसूस होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
लेसिक सर्जरी कौन करा सकता है?
लेसिक सर्जरी का उपयोग नजर की समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसे निम्न स्थितियों में कराया जा सकता है –
उम्र: व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। इस समय तक आंख की संरचना और दृष्टि का पूरा विकास हो जाता है।
नजर की कमजोरी: लेसिक सर्जरी के लिए व्यक्ति की दृष्टि स्थायी रूप से कमजोर होनी चाहिए।
स्वास्थ्य स्थिति: व्यक्ति आमतौर पर स्वस्थ्य और बीमारियों से मुक्त होना चाहिए। किसी भी गंभीर स्थिति जैसे मधुमेह, रक्त रोग या आंख के संक्रमण की स्थिति में लेसिक सर्जरी अनुचित हो सकती है।
स्थायी दृष्टि: व्यक्ति की दृष्टि कम से कम 6 महीनों से ज्यादा समय तक स्थायी रूप से स्थिर होनी चाहिए।
इन मानदंडों के अलावा आपकी आंख की स्थिति पर भी निर्भर करेगा कि क्या आप लेसिक सर्जरी के लिए योग्य हैं या नहीं। इसलिए सर्जरी के पहले किसी अच्छे चिकित्सक से सलाह लें।
लेसिक सर्जरी किसे नहीं करानी चाहिए?
निम्न स्थितियों में आपको लेसिक सर्जरी कराने से बचना चाहिए –
उम्र कम होना: लेसिक सर्जरी के लिए आपकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, यदि आपकी उम्र कम है, तो आपको सर्जरी नहीं करानी चाहिए, क्योंकि कम उम्र में नजर की संरचना और दृष्टि का संपूर्ण विकास नहीं होता है।
गर्भावस्था या स्तनपान: गर्भावस्था के दौरान या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लेसिक सर्जरी नहीं करानी चाहिए, क्योंकि इस अवधि में हार्मोनल परिवर्तन और आंखों की संरचना पर असर हो सकता है।
आंख का संक्रमण: यदि आपकी आंख में संक्रमण है तो लेसिक सर्जरी अनुचित हो सकती है।
डॉक्टर के मना करने पर: कुछ ऐसी स्थिति हो सकती हैं जिनमें चिकित्सक आपकी दृष्टि के स्थायित्व के बारे में संदेह में है और आपको कुछ समय के लिए सर्जरी कराने से मना कर रहा है, तो आपको डॉक्टर की बात मानकर सर्जरी नहीं करानी चाहिए।
लेसिक सर्जरी के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: लेसिक सर्जरी क्या है?
उत्तर: लेसिक सर्जरी एक लेजर चिकित्सा प्रक्रिया है, जो कॉर्निया की पुनर्स्थापना करके दृष्टि को सुधारती है।
प्रश्न: क्या लेसिक सर्जरी पेन फ्री (दर्द मुक्त) होती है?
उत्तर: हां, लेसिक सर्जरी आमतौर पर पेन फ्री होती है।
प्रश्न: क्या लेसिक सर्जरी पूरी तरह से दृष्टि को सुधार सकती है?
उत्तर: हां, लेसिक सर्जरी दृष्टि को सुधारने के लिए उत्कृष्ट नतीजे प्रदान कर सकती है। बहुत सारे लोग इसके बाद 20/20 या उससे अधिक दृष्टि प्राप्त कर पाते हैं।
प्रश्न: लेसिक सर्जरी में कितना समय लगता है?
उत्तर: लेसिक सर्जरी एक छोटी प्रक्रिया है और सामान्यतः कुछ मिनटों में पूरी हो जाती है।
प्रश्न: क्या लेसिक सर्जरी के बाद चश्मे की जरूरत होती है?
उत्तर: लेसिक सर्जरी के बाद बहुत सारे लोगों को चश्मे की आवश्यकता नहीं होती है, हालांकि कुछ मामलों में स्पष्ट दृष्टि के लिए चश्मे की आवश्यकता हो सकती है।
प्रश्न: क्या लेसिक सर्जरी पूरी तरह सुरक्षित है?
उत्तर: हां, लेसिक सर्जरी एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है, जो अच्छी तरह से प्रयोग की जाती है।
प्रश्न: क्या लेसिक सर्जरी के बाद समय से पहले आई ड्रॉप का उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, लेसिक सर्जरी के बाद सामान्यतः आपको चिकित्सक की सलाह के अनुसार आई ड्रॉप का उपयोग करना चाहिए।
प्रश्न: क्या लेसिक सर्जरी के बाद दर्द होता है?
उत्तर: लेसिक सर्जरी के बाद आपको कुछ दिनों तक हल्का या मामूली दर्द हो सकता है, जो सामान्य होता है।
प्रश्न: क्या लेसिक सर्जरी का परिणाम स्थायी होता है?
उत्तर: हां, लेसिक सर्जरी का परिणाम स्थायी होता है और दृष्टि दृढ़ होती है।
Disclaimer (खंडन): यह लेख केवल जानकारी के लिए दिया गया है। इसे अपने आप से जोड़कर न देखें और स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह अनुसार दवा लें और इलाज कराएं, क्योंकि किसी भी रोग का इलाज आपकी उम्र, रोग की गंभीरता, खान-पान, आपके शरीर आदि पर निर्भर करता है।